अयोध्या, रियल एस्टेट, बुनियादी ढांचे, आतिथ्य और वाणिज्यिक क्षेत्र का केंद्र बनता जा रहा है और यहां अगले दो वर्षों में रियल एस्टेट की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
एक्सॉन डेवलपर्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी में अयोध्या मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की स्थापना के भव्य आयोजन के बाद से अयोध्या और आसपास के क्षेत्र लगातार चर्चा में हैं। इतना ही नहीं, सरकार ने एक महत्वाकांक्षी मास्टर प्लान 2031 का भी अनावरण किया है, जिसके तहत कुल 85,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और 30,500 करोड़ रुपये की 180 परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं।
यहां 1450 करोड़ रुपये की लागत से एक नया एयरपोर्ट बनाया गया है। साथ ही यहां मौजूदा रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड को नया स्वरूप देने के लिए 450 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं। शहरी विकास परियोजनाओं पर भी लगभग 7500 करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है। यह शहर दुनिया के उन चुनिंदा शहरों में से एक है जहां सबसे बड़ा सौर ऊर्जा चालित सड़क विद्युतीकरण कार्यक्रम चल रहा है और जो लगभग 70% पूरा हो चुका है। ब्रिटेन स्थित रक्षा निर्माता ट्राफलगर ने अयोध्या में रक्षा विनिर्माण सुविधा विकसित करने के लिए 75000 करोड़ रुपये के भारी निवेश की घोषणा की है। टाउनशिप, मनोरंजन-सह-खुदरा क्षेत्र, नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र, कृत्रिम द्वीप इत्यादि जैसी कई अन्य परियोजनाओं पर भी यहां युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
अंकित कंसल, एमडी, एक्सॉन डेवलपर्स कहते हैं, “रियल एस्टेट, बुनियादी ढांचे, आतिथ्य और वाणिज्यिक क्षेत्रों के लिए अयोध्या एक प्रमुख गंतव्य बन रहा है। मंदिरों का यह शहर तेजी से आगे बढ़ रहा है और जल्द ही यूपी राज्य में आर्थिक विकास का एक प्रमुख इंजन बन जाएगा। अयोध्या में 600 होमस्टे (2500 कमरों वाले) के अलावा लगभग 3300 होटल कमरे संचालित हैं। भविष्य में यहां 76 नए होटलों के निर्माण की योजना है, जिसमें आईएचसीएल के 3 ब्रांडेड प्रोजेक्ट (375+ कमरे) शामिल हैं। रेडिसन, आईटीसी, मैरियट, लेमन ट्री जैसे अन्य प्रतिष्ठित आतिथ्य ब्रांड भी अयोध्या बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। सरकारी अनुमान के मुताबिक, शहर में सालाना 54 मिलियन पर्यटकों के आने की उम्मीद है और यह निश्चित रूप से आतिथ्य उद्यमों के लिए एक आकर्षक अवसर है।”
एक्सॉन की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य अयोध्या (मंदिर परिसर से 3 किमी की परिधि) में प्रॉपर्टी की औसत कीमत 6050 रुपये प्रति वर्ग फिट है और वर्ष 2029 तक यह 12,651 रुपये प्रति वर्ग फिट तक पहुंच सकती है। यह क्षेत्र आतिथ्य खंड की कंपनियों के रडार पर है। व्यापक अयोध्या (मंदिर से 3-8 किमी के दायरे) में, प्रॉपर्टी की कीमतें 2029 तक 7773 रुपये प्रति वर्ग फिट तक पहुंच सकती हैं। वर्तमान में इस क्षेत्र में कीमत 3950 रुपये प्रति वर्ग फिट है।
राजमार्ग के पास के क्षेत्रों सहित बाहरी अयोध्या भी एक बहुप्रतीक्षित माईक्रो मार्केट के रूप में परिवर्तित होता जा रहा है, जहां कई डेवलपर्स प्लॉट्स के विकास सहित विला और अन्य ब्रांडेड परियोजनाओं को विकसित करने की योजना बना रहे हैं। यहां बाहरी क्षेत्र में कृषि भूमि की वर्तमान कीमत 1.6- 2 करोड़ रुपये प्रति एकड़ है और यह कीमत जल्द ही बढ़ सकती है। कंसल के अनुसार, यहां कीमते स्थिर होने से पहले अगले 18 से 24 महीनों में रियल एस्टेट की कीमतों में भारी उछाल देखा जा सकता हैं।
जैसे-जैसे अयोध्या प्रमुखता प्राप्त कर रहा है, यहां विकास रियल एस्टेट और आतिथ्य क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहेगा। खुदरा, एफ एंड बी, क्यूएसआर, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा आदि जैसे सहायक व्यवसाय भी यहां फलेंगे-फूलेंगे। वर्तमान में सीसीडी, बर्गर सिंह, डोमिनोज आदि ब्रांडों ने अयोध्या में अपने पैर पसारे हैं। कंसल कहते हैं, “पर्यटकों की संख्या में महत्वपूर्ण बदलाव की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए और भी कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा, विनिर्माण, स्टार्ट-अप, आईटी जैसे अन्य क्षेत्रों में भी निवेश में उल्लेखनीय उछाल देखने को मिलेगा।”
जैसे-जैसे विकास तीव्र गति से हो रहा है और पर्यटक बड़ी मात्रा में आ रहे हैं, आवश्यक उत्पादों और वस्तुओं जैसे कि किराना, खाद्य उत्पाद, सीमेंट, निर्माण सामग्री आदि की मांग भी बढ़ रही है। लाईफस्टाईल, पेय पदार्थों, प्रौद्योगिकी, कागज और भी कई क्षेत्रों में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। अयोध्या में भारी निवेश और तीव्र विकास का सकारात्मक प्रभाव अन्य पड़ोसी जिलों जैसे सुल्तानपुर, बाराबंकी, अमेठी और अंबेडकर नगर पर भी पड़ेगा।
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