टेक इट फ्रॉम टॉर्बिट
इस वर्ष का बजट हालांकि रियल एस्टेट सेक्टर के लिए काफी हद तक सकारात्मक रहा, जिसमें रियल एस्टेट के अनुकूल कई प्रावधान दिखे, फिर भी इसमें कई खामियां भी नज़र आईं। विनोद बहल
क्या मिला?
बजट में बुनियादी ढांचा क्षेत्र को 11.11 लाख करोड़ रुपये की भारी पूंजी उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा, बजट में राज्यों द्वारा बुनियादी ढांचा निवेश को समर्थन देने के लिए दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे अप्रत्यक्ष रूप से रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
रोज़गार और कौशल विकास पर ज़ोर और व्यक्तिगत आयकर स्लैब में पुनः समायोजन के साथ-साथ स्टैंडर्ड डिडक्सन में 25000 रुपये की बढ़ोतरी से डिस्पोजेबल आय में वृद्धि होगी। इससे मध्यम वर्ग को घर खरीदने में मदद मिलेगी।
पीपीपी मोड में औद्योगिक श्रमिकों के लिए किराये के आवास का प्रावधान, साथ ही व्यक्तियों या एचयूएफ द्वारा 50,000 रुपये से अधिक मासिक किराए के भुगतान के लिए टीडीएस को 5 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत करने से प्रॉपर्टी के मालिकों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को लाभ होगा।
बजट में इंडेक्सेशन लाभों को समाप्त करके तथा इसके स्थान पर दीर्घ अवधि पूंजी लाभ कर (एलटीसीजी कर) को 20 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत करके एलटीसीजी कर को सरल बनाया गया है। यह पर्याप्त कर कटौती इंडेक्सेशन लाभ वापस लेने के कारण होने वाले किसी भी नुकसान को बेअसर कर देगी।
एफडीआई मानदंडों को उदार बनाने के लिए बजटीय प्रावधान के साथ-साथ विवाद से विश्वास 2.0 पहल से लंबित विवादों/अपीलों का निपटारा तेजी से होगा, जिससे कारोबार करने में आसानी होगी और निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा। भारतीय कंपनियों द्वारा जुटाए गए फंड पर एंजल टैक्स को खत्म करना, व्यवहार्यता निधि और विदेशी कंपनियों के लिए कर दरों में कमी निवेश को बढ़ावा देने वाले उपाय हैं।
14 बड़े शहरों में पारगमन-उन्मुख विकास और 100 बड़े शहरों में ब्राउनफील्ड पुनर्विकास को बढ़ावा देने से वाणिज्यिक रियल एस्टेट सहित मिश्रित उपयोग विकास को बढ़ावा मिलेगा। एंजल टैक्स को खत्म करने और कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती से जीसीसीज को समर्थन मिलेगा, जिसकी वजह से वाणिज्यिक रियल्टी को भी बढ़ावा मिलेगा।
बजट में मध्यम वर्ग के लिए अतिरिक्त 3 करोड़ घरों के निर्माण के लिए पीएमएवाई 2.0 के तहत 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश को बढ़ावा दिया गया है। क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी को फिर से शुरू करने से किफायती आवास को और बढ़ावा मिलेगा।
प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों और उच्च ब्याज दरों की पृष्ठभूमि में इस बजट में घर के स्वामित्व को बढ़ावा देने के लिए राज्यों को स्टाम्प शुल्क में कटौती करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए लेनदेन की लागत को कम करने का प्रस्ताव दिया गया है।
रेलवे पूंजीगत व्यय में 2.65 ट्रिलियन रुपये की वृद्धि तथा राज्यों को ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 1.5 ट्रिलियन रुपये का आवंटन, कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा और इससे विशेष रूप से टियर 2-3 शहरों में रियल एस्टेट के विकास को गति मिलेगी।
स्मार्ट सिटी मिशन की समय-सीमा को 30 जून 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च 2025 करने तथा 2 दर्जन से अधिक स्मार्ट सिटीज को लंबित धनराशि जारी करने के कदम से शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा।
क्या रह गया?
मुद्रास्फीति में तेज वृद्धि को देखते हुए, आयकर स्लैब में किए गए मामूली बदलाव और स्टैंडर्ड डिडक्शन में 25000 रुपये की बढ़ोतरी मध्यम वर्ग के करदाताओं की अपेक्षाओं से काफी कम है। इससे घर के स्वामित्व को बढ़ावा देने के लिए डिस्पोजेबल आय वांछित स्तर तक नहीं बढ़ सकती है।
एलटीसीजी कर में 20 प्रतिशत से 12.5 प्रतिशत तक की भारी कटौती के बावजूद, प्रॉपर्टी निवेशकों को मिलने वाले इंडेक्सेशन लाभ वापस लेने से उनकी धारणा प्रभावित हुई । लेकिन बाद मे पुरानी और नयी व्यवस्था को एक साथ रखने से निवेशको को कोई असर नही हुआ।
नए प्रावधानों के अनुसार, 50 लाख रुपये से अधिक की कीमत वाली संपत्ति खरीदने वालों को प्रॉपर्टी के मूल्य के आधार पर भुगतान की गई कीमत का 1 प्रतिशत टीडीएस के रूप में कटवाना होगा। प्रॉपर्टी के व्यक्तिगत हिस्से के आधार पर कर लाभ अब नहीं लिया जा सकेगा।
यह देखते हुए कि किफायती आवास की मांग और आपूर्ति में गिरावट आ रही है, बजट किफायती आवास के डेवलपर्स को कर प्रोत्साहन प्रदान करके आपूर्ति को बढ़ावा देने के मुद्दे को हल करने में विफल रहा। सस्ते वित्त या सस्ती जमीन तक मुहैया कराने के संबंध में भी कोई राहत नहीं है।
समय और लागत में कमी लाने के लिए अनुमोदन और परियोजना मंजूरी के लिए इस बजट में एकल खिड़की प्रणाली (सिंगल विंडो क्लियरेंस प्रणाली) स्थापित करने की रियल एस्टेट क्षेत्र की लंबे समय से लंबित मांग पर ध्यान नहीं दिया गया है।
पूंजी तक आसान पहुंच का ना होना रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए अभिशाप रहा है। इसलिए यह क्षेत्र सस्ते वित्त तक आसान पहुंच के लिए उद्योग का दर्जा दिए जाने की मांग करता आ रहा है। लेकिन यह मांग भी पूरी नहीं हुई है।
प्रॉपर्टी की ऊंची कीमतों की पृष्ठभूमि में, रियल एस्टेट सेक्टर किफायती आवास के लिए कीमत और क्षेत्र के मानदंडों को संशोधित करने की मांग कर रहा है ताकि अधिक संभावित घर खरीदारों को पीएमएवाई के दायरे में लाया जा सके। लेकिन बजट में इस संबंध में कुछ भी नहीं किया गया है
बड़ी संख्या में रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के लिए, रियल एस्टेट क्षेत्र स्वामिह (एसडब्ल्यूएएमआईएच) फंड के लिए धन आवंटन में वृद्धि और अधिक निजी पूंजी लाने की मांग कर रहा है, लेकिन यह बजट इस मुद्दे पर ध्यान देने में विफल रहा है।
बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण घटते सामर्थ्य को देखते हुए किफायती आवास बनाने वाली कंपनियां सरकार से यह उम्मीद कर रही थीं कि वह गृह ऋण पर चुकाए जाने वाले मूलधन और ब्याज दोनों पर कर छूट की सीमा बढ़ाएगी। लेकिन उनकी उम्मीदें धरी की धरी रह गईं।
10 रीट्स (आरईआईटीएस) एलटीसीजी उपचार को समान करने की मांग नहीं हुई पूरी
रीट्स इकाइयों पर एलटीसीजी कर के लिए होल्डिंग अवधि को इक्विटी शेयरों (एक वर्ष) के समान करने की मांग पूरी नहीं हुई है। इससे रिटेल निवेशकों के लिए बाधाएं दूर हो जातीं और रीट्स का आकर्षण बढ़ जाता।
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