टॉर्बिट कंज्यूमर कनेक्ट/क्यू एंड ए………… विनोद बहल
प्रश्न: इस वर्ष के बजट में एलटीसीजी टैक्स के तहत इंडेक्सेशन लाभ को समाप्त कर दिया गया है। क्या इसका रियल एस्टेट निवेश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा? ………….रजत सिन्हा, गुड़गांव
उत्तर: इस वर्ष के बजट में इंडेक्सेशन लाभ को समाप्त करने के नए एलटीसीजी कर प्रावधान ने रियल एस्टेट निवेशकों के मन में आशंकाएँ पैदा की थी जो मुख्य रूप से इस मुद्दे की स्पष्ट समझ की कमी के कारण है। कई लोगों को लगता है कि इससे उनके निवेश लाभ पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। हालाँकि, यह आशंका/डर गलत है। एलटीसीजी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए यह बदलाव लाया गया था। इसके अलावा, इंडेक्सेशन लाभ को समाप्त करने से होने वाले किसी भी संभावित नुकसान की भरपाई एलटीसीजी कर में 20 प्रतिशत से 12.5 प्रतिशत की भारी कटौती से की गई ।
एलटीसीजी कर की गणना प्रॉपर्टी की बिक्री मूल्य और प्रॉपर्टी की अधिग्रहण लागत के बीच अंतर का पता लगाकर की जाती है। इंडेक्सेशन लाभ ने आधिकारिक लागत मुद्रास्फीति सूचकांक से निर्धारित मुद्रास्फीति के विरुद्ध लाभ को समायोजित करके प्रॉपर्टी विक्रेताओं की मदद की। इससे प्रॉपर्टी की बिक्री पर उस लाभ को जो कर योग्य है को कम करने में मदद मिली, जिससे प्रॉपर्टी विक्रेता को लाभ हुआ।
इंडेक्सेशन लाभ को खत्म करने के पीछे पूरा विचार सट्टा खरीद को हतोत्साहित करना और कीमतों में कृत्रिम वृद्धि को रोकना है। यह उन लोगों को प्रभावित नहीं करता है जो अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए या किराये के उद्देश्य से घरों में निवेश करते हैं। सीबीडीटी ने पहले ही आशंकाओं को दूर कर दिया है और कहा है कि इंडेक्सेशन लाभ के 4-5 प्रतिशत (होल्डिंग अवधि के आधार पर) की तुलना में, प्रॉपर्टी पर रिटर्न 12-16 प्रतिशत पर बहुत अधिक है। इसमें एलटीसीजी टैक्स में कमी का लाभ भी जोड़ दें, तो यह घाटे का सौदा नहीं है।
अब बजट में कैपिटल गैन टैक्स के नए नियम में संशोधन करके वित्त मंत्रालय ने यह संशय पूरी तरह दूर कर दिया है कि यह प्रावधान प्रॉपर्टी में निवेश विरोधी है। प्रॉपर्टी बिक्री से जुड़े संशोधित नियम के तहत 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई किसी भी प्रॉपर्टी को बेचने पर लोग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स देने के लिए विक्रेता के पास बजट में लाए गए नियम के साथ इंडेक्सेशन से जुड़े पुराने नियम दोनों के विकल्प होंगे। दोनोंं में से जिस विकल्प के तहत उन्हें कम टैक्स लगेगा, विक्रेता उस विकल्प को चुन सकेगा। इंडेक्सेशन के साथ 20 प्रतिशत तो बिना इंडेक्सेशन 12.5 प्रतिशत की दर से टैक्स देना होगा।
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