वर्ष 2026 तक 791 मेगावाट क्षमता की अनुमानित वृद्धि के साथ, डाटा सेंटर विस्तार 5.7 बिलियन अमरीकी डालर के निवेश को आकर्षित करेगा, जिससे रियल एस्टेट की एक करोड़ वर्ग फिट रियल्टी स्पेस के आस-पास भारी मांग पैदा होने की आशा है।
कंप्यूटिंग शक्ति में तेजी से हो रही वृद्धि और इसके परिणामस्वरूप नए अनुप्रयोगों से मध्यम अवधि में डाटा सेंटर उद्योग के लिए मजबूत मांग बढ़ने की उम्मीद है।
क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर्स (सीएसपीज) ने एआई-आधारित मांग को ध्यान में रखते हुए अपनी आवश्यकताओं को फिर से रेखांकित किया है। सीएसपीज मुख्य रूप से इंटरनेट के माध्यम से सुलभ डाटा स्टोरेज और कंप्यूटिंग पावर के लिए आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम प्रदान करते हैं। साथ ही सीएसपीज ने एआई-आधारित विकास को बढ़ाने के लिए उच्च निवेश की भी घोषणा की है।
रचित मोहन, एपीएसी लीड-डाटा सेंटर लीजिंग एवं हेड-डाटा सेंटर एडवाइजरी, इंडिया कहते हैं, “एआई द्वारा संचालित प्रसंस्करण शक्ति और डाटा वॉल्यूम में जबरद्स्त वृद्धि, ऊर्जा, प्रसंस्करण और शीतलन आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम नए डाटा केंद्रों के विकास को आवश्यक बनाती है। विविध एआई विषयों के प्रत्याशित विस्तार और प्रगति से डाटा केंद्रों की अतिरिक्त मांग पैदा होने, उनकी क्षमता से संब आवश्यकताओं का विस्तार करने और उनकी क्षमताओं को आगे बढ़ाने का अनुमान है।”
वर्ष 2023 की दूसरी छमाही के दौरान, पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 72 मेगावाट की तुलना में अवशोषण में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 81 मेगावाट हो गया। इस वृद्धि का श्रेय वर्ष 2023 की पहली छमाही के दौरान थोड़े अंतराल के बाद सीएसपी द्वारा गति प्राप्त करने को दिया जा सकता है। मुंबई में, इस अवधि के दौरान अवशोषण लगभग दोगुना हो गया क्योंकि सीएसपीज ने अवशोषण की अपनी गति को नवीनीकृत किया।
इंडिया जेएलएल में मुख्य अर्थशास्त्री और रिसर्च प्रमुख डॉ. सामंतक दास के अनुसार, “भारत वर्ष 2027 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुमानित जीडीपी के साथ तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, जिसमें डिजिटल अर्थव्यवस्था का योगदान लगभग 20 प्रतिशत है। इस डिजिटल विस्तार से भारत के डाटा सेंटर उद्योग के विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिसके वर्ष 2023 में 853 मेगावाट से बढ़कर वर्ष 2026 तक 1,645 मेगावाट होने का अनुमान है। इस क्षमता में वृद्धि के लिए 5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश और लगभग 10 मिलियन वर्ग फीट रियल एस्टेट की आवश्यकता होगी। “
वर्ष 2023 की दूसरी छमाही के दौरान आपूर्ति में सिर्फ 75 मेगावाट की वृद्धि हुई क्योंकि पहली छमाही से उपलब्ध आपूर्ति का उपयोग मांग को पूरा करने के लिए किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप रिक्तियों का स्तर 5.5% कम हो गया। भारत का एआई पर ध्यान भारत एआई मिशन के माध्यम से स्पष्ट है, जिसका उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, कार्यबल को नए स्किल्स में पारंगत करना और एआई तकनीक की जिम्मेदार और नैतिक तैनाती सुनिश्चित करना है। एक बड़े उपयोगकर्ता के तौर पर भारत का बाजार, प्रतिभाशाली कार्यबल और संपन्न स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के साथ वैश्विक डाटा हब के रूप में उभरने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है, जो सस्टेनेबल प्रथाओं द्वारा संचालित होता है। देश का डीसी क्षेत्र वर्ष 2019 में 350 मेगावाट से बढ़कर वर्ष 2023 में 854 मेगावाट हो गया, जो बढ़ते डिजिटल उपयोग के रुझान के अनुरूप है।
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