वर्ष 2024 की पहली छमाही में लगभग 13 मिलियन वर्ग फीट लीजिंग गतिविधि और 17% सालाना वृद्धि के साथ, शीर्ष पांच शहरों में औद्योगिक और वेयरहाउसिंग की मांग अच्छी रही है। चेन्नई और दिल्ली एनसीआर ने कुल मिलाकर 2024 की पहली छमाही में इस मांग में कुल लीजिंग के लगभग आधे हिस्से का योगदान देते हुए अग्रणी स्थान हासिल किया।
कोलियर्स की रिपोर्ट के अनुसार, थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स (3पीएल) प्लेयर्स वेयरहाउसिंग स्पेस के शीर्ष अधिभोगी बने रहे, जिन्होंने वर्ष की पहली छमाही के दौरान कुल मांग में लगभग 36 प्रतिशत हिस्सेदारी का योगदान दिया। दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 2024 की पहली छमाही में चेन्नई में मांग लगभग दोगुनी हो गई और यह काफी हद तक 3पीएल कंपनियों की वेयरहाउसिंग की आवश्यकताओं से प्रेरित थी। माईक्रो मार्केट (सूक्ष्म बाजार) के स्तर पर, भिवंडी (मुंबई), चाकन-तालेगांव (पुणे) और ओरागदम (चेन्नई) में प्रत्येक में वेयरहाउसिंग स्पेस की मांग 1.5 मिलियन वर्ग फिट से अधिक थी।
ग्रेड ए सकल अवशोषण में रुझान (मिलियन वर्ग फीट)
स्रोत: कोलियर्स
नोट: डेटा ग्रेड ए इमारतों से संबंधित है। अवशोषण में लीज का नवीनीकरण (रिन्यूअल), पूर्व-प्रतिबद्धताएं और ऐसे सौदे शामिल नहीं हैं, जिनके लिए केवल आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हों।
विजय गणेश, मैनेजिंग डायरेक्टर, इंडस्ट्रियल एवं लॉजिस्टिक्स सर्विसेज, कोलियर्स इंडिया कहते हैं, “तिमाही आधार पर, 2024 की दूसरी तिमाही में शीर्ष पांच शहरों में लगभग 6 मिलियन वर्ग फिट औद्योगिक और वेयरहाउसिंग की मांग देखी गई, जो पिछले साल की समान तिमाही से 48 प्रतिशत अधिक है। 1.8 मिलियन वर्ग फिट लीजिंग और 30 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ, तिमाही मांग में दिल्ली एनसीआर का योगदान महत्वपूर्ण रहा। इस क्षेत्र में मांग का नेतृत्व फरुखनगर और सोनीपत माइक्रो मार्केट में औद्योगिक और वेयरहाउसिंग स्पेस की बड़ी मांग ने किया। प्रमुख शहरों में बेहतर मांग और सहायक सरकारी नीतियों से प्रोत्साहित होते हुए, डेवलपर्स तकनीकी रूप से उन्नत सुविधाओं से भरपूर उच्च गुणवत्ता वाली वेयरहाउसिंग सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। वर्ष की पहली छमाही में महत्वपूर्ण आपूर्तियों की पूर्णता के साथ, 2024 में 20-25 मिलियन वर्ग फिट ग्रेड ए की आपूर्ति होने की संभावना है।”
मांग और लीजिंग के रुझान
अब जबकि 3पीएल प्रदाता लगभग 36 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ मांग पर हावी रहे, इंजीनियरिंग, एफएमसीजी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेगमेंट के कंपनियों द्वारा स्पेस अपटेक 12-16 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ महत्वपूर्ण साबित हुए। दिलचस्प बात यह है कि इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स दोनों सेगमेंट में 2023 की इसी छह महीने की अवधि की तुलना में एच1 2024 में 1.7 गुना से अधिक लीजिंग गतिविधि देखी गई। इतना ही नहीं आगे अनुकूल उद्योग-विशिष्ट नीतियों और एक सक्षम नियामक ढांचे द्वारा संचालित, विविध सेगमेंट द्वारा भारत में औद्योगिक और वेयरहाउसिंग स्पेस की मांग को बढ़ावा दिए जाने की संभावना है।
विमल नाडार, सीनियर डायरेक्टर एवं हेड ऑफ रिसर्च, कोलियर्स इंडिया कहते हैं, “मजबूत मैक्रोइकॉनॉमिक संकेतकों के साथ, भारत का औद्योगिक और वेयरहाउसिंग बाजार लगातार बढ़ रहा है और यह गति वर्ष की दूसरी छमाही में भी जारी रहने की संभावना है। मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई और आईआईपी जैसे संकेतकों में ऊपर की ओर रुझान स्वस्थ औद्योगिक गतिविधि को दर्शाता है, जिससे औद्योगिक और वेयरहाउसिंग स्थानों की मांग में तेजी आने की संभावना है। दिलचस्प बात यह है कि जुलाई 2021 से मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई विस्तार के क्षेत्र में है और पिछले कुछ महीनों में यह 60 के करीब रहा। इसके अलावा, हाल ही में की गई बजटीय घोषणाओं से लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार होगा, मांग में तेजी आएगी और औद्योगिक और वेयरहाउसिंग क्षेत्र में निवेश आकर्षित होगा। इसके अतिरिक्त, प्लेटफ़ॉर्म स्तर पर निवेश बढ़ने से अगले कुछ वर्षों में बेहतर गुणवत्ता वाले औद्योगिक और वेयरहाउसिंग स्थानों की भरमार होगी।”
ग्रेड ए वेयरहाउसिंग स्पेस की मांग से अधिक आपूर्ति के साथ, कुल मिलाकर भारत में रिक्ति का स्तर वार्षिक आधार पर 210 आधार अंकों (बीपीएस) तक बढ़ गया और एच1 2024 के अंत में 12.2 प्रतिशत रहा। आगामी तिमाहियों में बढ़ती मांग की डेवलपर प्रत्याशा के परिणामस्वरूप, एच1 2024 में 14.4 मिलियन वर्ग फिट की नई आपूर्ति हुई है, जो कि साल दर साल 35 प्रतिशत की वृद्धि है।लगभग 5.7 मिलियन वर्ग फिट नए औद्योगिक और वेयरहाउसिंग स्पेस के विकास के साथ, दिल्ली एनसीआर ने वर्ष की पहली छमाही में समग्र पूर्णताओं में लगभग 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी दर्ज की।विशेष रूप से, क्यू2 2024 में देश के शीर्ष पांच शहरों में लगभग 7.5 मिलियन वर्ग फिट का निर्माण पूरा हुआ, जो कि साल दर साल 53 प्रतिशत की वृद्धि है।
ग्रेड ए आपूर्ति के रुझान (मिलियन वर्ग फीट)
नोट: डेटा ग्रेड ए इमारतों से संबंधित है स्रोत: कोलियर्स
बड़े सौदों से लीजिंग की बढ़ी मांग
2024 की पहली छमाही के दौरान, बड़े सौदे (200,000 वर्ग फीट से ज़्यादा) मांग का लगभग 35 प्रतिशत
हिस्सा थे। हालाँकि, इन बड़े सौदों में से ज़्यादातर 3पीएल कंपनियों से आए, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स
और एफएमसीजी ऑक्यूपायर्स को भी बड़े वेयरहाउसिंग स्पेस की ज़रूरत थी। शहर के स्तर पर,
चेन्नई और उसके बाद दिल्ली एनसीआर में बड़े आकार के सौदों का बोलबाला रहा।
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