विनोद बहल
अपने परिचालन प्रदर्शन का अधिकतम लाभ उठाते हुए तथा वैश्विक फोकस के साथ लांच पाइपलाइन का विस्तार करते हुए, रियल्टी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी डीएलएफ मजबूत वृद्धि हासिल करने के लिए लग्ज़री और सुपर लग्ज़री आवासों पर बड़ा दांव लगा रही है।
जून तिमाही में कंपनी के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए, इसकी रणनीति पहले से ही लाभांश प्रदान कर रही है। डीएलएफ ने अपने समेकित लाभ में 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो 645.61 करोड़ रुपये है और इसकी कुल आय बढ़कर 1729.82 करोड़ रुपये हो गई है। 214 प्रतिशत की मजबूत वार्षिक वृद्धि दर्ज करते हुए, 6404 करोड़ रुपये की नई बिक्री बुकिंग दर्ज की गई है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसार, डीएलएफ ने प्री-सेल्स में तीन गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की है, क्योंकि इसने 64 बिलियन रुपये की बुकिंग की है, जो कि मुख्य रूप से गुड़गांव के प्रिवाना वेस्ट के दूसरे चरण के सफल लांच द्वारा संचालित हुई है। कंपनी ने डीएलएफ 5 में अपने अल्ट्रा-लग्ज़री प्रोजेक्ट, ‘द कैमेलियास’ में 2.5 बिलियन रुपये की बुकिंग के साथ अपनी गति बरकरार रखी है।
30 बिलियन रुपये की शेष इन्वेंट्री के साथ, ये लांच इसकी प्री-सेल्स ग्रोथ को आगे बढ़ाने की कुंजी साबित होगी। डीएलएफ का लक्ष्य मुख्य बाजारों में 420 बिलियन रुपये की परियोजनाएं शुरू करना है, जिससे इसकी वित्त वर्ष 2025 में 22 प्रतिशत की वार्षिक प्री-सेल्स ग्रोथ होगी। वित्त वर्ष 2025 से परे, कंपनी ने 2-3 वर्षों में लांच किए जाने वाले 625 बिलियन रुपये की परियोजना पाइपलाइन भी निर्धारित की है।
वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में इसके संग्रह में भी उछाल आया और यह साल दर साल लगभग दोगुना होकर 30 अरब रुपये हो गया। नतीजतन, ओसीएफ साल दर साल 130 प्रतिशत बढ़कर 18 अरब रुपये हो गया, जिससे 4 अरब रुपये के भूमि भुगतान के बाद 13 अरब रुपये का अधिशेष हुआ है। बैलेंस शीट भी और मजबूत हुई है क्योंकि यह 29 अरब रुपये की शुद्ध नकदी स्थिति के साथ समाप्त हुई। राजस्व 13.6 अरब रुपये पर थोड़ा नरम रहा, जो साल दर साल 4 प्रतिशत कम था। जबकि सकल मार्जिन साल दर साल 51 प्रतिशत पर स्थिर रहा, बड़े लॉन्च के कारण अन्य खर्चों में 85 प्रतिशत की साल दर साल बढ़ोतरी के कारण ईबीआईटीडीए मार्जिन 19 पीपी कम हुआ।
किराये की आय में वृद्धि
डीएलएफ को किराये की आय से भी लाभ हुआ। डीएलएफ साइबर सिटी डेवलपर्स लिमिटेड के वाणिज्यिक पोर्टफोलियो में किराये की आय साल-दर-साल 10 प्रतिशत बढ़कर 11.5 अरब रुपये हो गई, जिसमें 1.3 एमएसएफ डाउनटाउन चेन्नै परिसंपत्ति का पूरा होना और उसमें अधिभोग में 40 बीपी की बढ़ोतरी शामिल है, जिसके कारण कार्यालय किराया आय में साल-दर-साल 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रिटेल पोर्टफोलियो ने भी अपनी गति जारी रखी और किराये की आय में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। कुल राजस्व 15 अरब रुपये रहा। गैर-एसईजेड/एसईजेड पोर्टफोलियो में अधिभोग 97 प्रतिशत/86 प्रतिशत पर तिमाही-दर-तिमाही स्थिर रहा। रिटेल पोर्टफोलियो 99 प्रतिशत अधिभोग के साथ लगभग पूरी तरह से पट्टे पर था।
अब आगे डीएलएफ ने सभी क्षेत्रों में वित्त वर्ष 25 में 20 बिलियन मूल्य की परियोजनाएँ शुरू करने का लक्ष्य रखा है। गोवा में लग्जरी परियोजना दूसरी तिमाही में शुरू की जाएगी; लक्स 5 और मुंबई परियोजना तीसरी तिमाही में और प्रिवाना के बाद के चरण चौथी तिमाही में शुरू किए जाएँगे। डीएलएफ के निवेशक प्रस्तुतिकरण के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में, कंपनी ने सुपर लग्जरी सेगमेंट में 27500 करोड़ रुपये की बिक्री क्षमता के साथ 3.4 msf लॉन्च की योजना बनाई है। इसके अलावा, रियल एस्टेट क्षेत्र में अग्रणी इस कंपनी ने 3500 करोड़ रुपये की बिक्री क्षमता के साथ लग्जरी सेगमेंट में 6.8 msf लॉन्च की योजना बनाई है। इस तिमाही में गोवा में सुपर लग्जरी विला लॉन्च करने की योजना है और तीसरी तिमाही में, कंपनी ने मुंबई में एक परियोजना के अलावा गुड़गांव में एक सुपर लग्जरी परियोजना शुरू करने की योजना बनाई है। इसके अलावा चंडीगढ़ में छोटी परियोजनाएँ शुरू करने की योजना है। साथ ही कुछ वाणिज्यिक र्लाच भी किए जाने की योजना है।
एमओएफएसएल के अनुसार, डीएलएफ प्रबंधन ने वित्त वर्ष 25 में बुकिंग के लिए 170-180 बिलियन रुपये के अपने पिछले मार्गदर्शन को बनाए रखा है। डीएलएफ5 में अल्ट्रा-लक्जरी प्रोजेक्ट को छोड़कर, सभी नई परियोजनाओं में लॉन्च के दौरान महत्वपूर्ण 80-90 प्रतिशत इन्वेंट्री का मुद्रीकरण करने की पिछली प्रवृत्ति का पालन करने की संभावना है। वित्त वर्ष 25 के अंत तक, वार्षिकी आय 50 बिलियन रुपये तक बढ़ने का अनुमान है और वित्त वर्ष 26 में यह 58-60 बिलियन रुपये तक बढ़ जाएगी, जिसे गुड़गांव और चेन्नई में नई परिसंपत्तियों से किराए के प्रवाह से सहायता मिलेगी।
भविष्य की ओर देखते हुए, डीएलएफ अपनी विकास की संभावना को बढ़ाना जारी रखे हुए है, क्योंकि यह अपने मौजूदा विशाल भूमि भंडार से अपने प्रक्षेपणों की पूर्ति कर रहा है, तथा टीओडी क्षमता सहित अपने शेष 160 एमएसएफ भूमि बैंक के लिए 12-13 वर्ष की मुद्रीकरण समय-सीमा की उम्मीद कर रहा है।
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