विनोद बहल
उत्तर प्रदेश सरकार ने रुकी हुई परियोजनाओं के डेवलपर्स को राहत पैकेज प्रदान करके उनकी अटकी हुई आवास परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने की योजना बनाई है। बकाया राशि के पुनर्निर्धारण के संबंध में इस पैकेज के हिस्से के रूप में, प्राधिकरण उन डेवलपर्स के 14400 करोड़ रुपये का बकाया माफ कर देगा, जिन पर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण के तीन विकास प्राधिकरणों का सामूहिक रूप से 50000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है।
प्रस्तावित पैकेज अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के अनुरूप है और इससे नोएडा में उन लगभग 2 लाख घर खरीदारों को लाभ होगा, जो लंबित मामलों को लेकर गौतमबुद्ध नगर के डेवलपर्स और विकास प्राधिकरणों के बीच चल रहे विवाद के कारण अपने घरों का कब्जा मिलने में लंबी देरी का सामना कर रहे हैं। यहां तक कि इस गतिरोध के कारण पूरी हो चुकी परियोजनाओं का पंजीकरण भी अटक गया है, जिससे घर खरीदार अपने घरों का कब्जा लेने से वंचित हो गए हैं।
गौतमबुद्ध नगर के तीन विकास प्राधिकरणों को 52000 करोड़ रुपये भुगतान किए जाने हैं और इसमें से डेवलपर्स को नोएडा प्राधिकरण को 26570 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा, जबकि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण को क्रमशः 14309 करोड़ रुपये और 4700 करोड़ रुपये भुगतान करना होगा।
अमिताभ कांत समिति ने डेवलपर्स के बकाया के पुनर्निर्धारण की सिफारिश करने के अलावा, निर्माणाधीन परियोजनाओं को सहूलियत प्रदान करने के लिए सह-डेवलपर नीति की सिफारिश की थी। अन्य सिफारिशों में अतिरिक्त शुल्क के बिना परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 3 साल का विस्तार, बिल्डरों के बकाया को फ्लैट रजिस्ट्रियों से अलग करना और जून 2020 से एसबीआई एमसीएलआर दर के आधार पर डेवलपर्स के बकाया की गणना करना शामिल है। कांत पैनल की सिफारिशों के अनुसार, सिर्फ वो डेवलपर राहत पैकेज का लाभ उठा सकते हैं, जो अपने बकाया का 25% अग्रिम भुगतान करते हैं, जबकि शेष बकाया का भुगतान तीन वर्षों में किया जा सकता है।
इस बीच, इसी से संबंधित एक कदम के रूप में, उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सेक्टर 28 ग्रेटर नोएडा में आगामी मेडिकल डिवाइस पार्क में परियोजनाओं को पूरा करने की गति बढ़ा दी है। यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (वाईईआइडीए) पार्क में इलेक्ट्रॉनिक असेंबली फैसिलिटी, एक्सपोर्ट-प्रोमोशन इन्क्यूबेशन और एक्सीलेंस स्किल डेवलपमेंट इन्क्यूबेशन, लैब मेक्ट्रोनिक्स और एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस ब्लॉक सहित नौ प्रमुख निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
गुड़गांव आवासीय बाजार के लिए सिग्नेचर ग्लोबल की 2500 करोड़ रुपये की निवेश योजना
प्री-सेल्स में 37.6% की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2024 के अपने शानदार प्रदर्शन से उत्साहित, एनसीआर के गुड़गांव स्थित अग्रणी रियल एस्टेट डेवलपर, सिग्नेचर ग्लोबल इस वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान 6 मिलियन वर्ग फुट आवासीय क्षेत्र विकसित करने के लिए 2500 करोड़ रुपये का निवेश करने की तैयारी कर रहा है।
सिग्नेचर ग्लोबल ग्रुप के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल के अनुसार, यह निवेश योजना सोहना के साथ-साथ गुड़गांव में सेक्टर 37-डी और सेक्टर 71 के माईक्रो-मार्केट्स को विकसित करने की कंपनी की रणनीतिक नीति के अनुरूप है। सेक्टर 71 में आवासीय विकास एक मिश्रित उपयोग वाली परियोजना होगी जिसमें आवासीय और वाणिज्यिक विकास शामिल होंगे। भूमि और निर्माण लागत सहित परियोजना की कुल लागत 1950 करोड़ रुपये होगी।
गौरतलब है कि सफलतापूर्वक लॉन्च किए गए 730 करोड़ रुपये के आईपीओ की पृष्ठभूमि में सिग्नेचर ग्लोबल नकदी प्रवाह के मामले में सुविधाजनक स्थिति में है। कंपनी अपना कर्ज 65% से भी ज्यादा घटाकर 362 करोड़ रुपये करने में सफल रही है।
मैक्रोटेक, प्रेस्टीज एस्टेट्स और ओबेरॉय रियल्टी कर रहे हैं विस्तार
तीन बड़ी लिस्टेड रियल एस्टेट कंपनियां- मैक्रोटेक (लोढ़ा ग्रुप), प्रेस्टीज ग्रुप और ओबेरॉय रियल्टी अपनी विस्तार योजनाओं के अंतर्गत नए शहरों में प्रवेश कर रही हैं।
मुंबई स्थित मैक्रोटेक डेवलपर्स ने बेंगलुरु में, जहां उसने पिछले साल एक संयुक्त उद्यम समझौते के माध्यम से प्रवेश किया था, दो आवास परियोजनाओं में 800 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है । कंपनी ने हाल ही में जहां अपना पहला आवासीय प्रोजेक्ट लॉन्च किया है, वहीं वह कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली तिमाही में दूसरा प्रोजेक्ट लॉन्च करने की योजना बना रही है।
लोढ़ा समूह के प्रबंध निदेशक और सीईओ अभिषेक लोढ़ा के अनुसार, बेंगलुरु बाजार की उच्च संभावनाओं को देखते हुए, कंपनी ने भूमि मालिकों के साथ संयुक्त विकास के एसेट लाइट मॉडल का लाभ उठाकर शहर में कई परियोजनाएं शुरू करने की योजना बनाई है।
ब्लैकस्टोन समर्थित नेक्सस मॉल्स को 4.4 मिलियन वर्ग फीट में फैले अपने 7 मॉल्स बेचने के बाद बैंगलुरू के अग्रणी डेवलपर, प्रेस्टीज ग्रुप ने अपने रिटेल पोर्टफोलियो का विस्तार करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है।
प्रेस्टीज ग्रुप बेंगलुरु और कोच्चि में चल रहे अपने 4 मॉल्सके मौजूदा पोर्टफोलियो को बेंगलुरु, कोच्चि, चेन्नई और हैदराबाद में 8 और मॉल के साथ बढ़ाना चाहता है। प्रेस्टीज ग्रुप के फोरम मॉल्स के सीईओ मुहम्मद अली के अनुसार, मौजूदा मांग के रुझान के अनुरूप, कंपनी 10 लाख वर्ग फीट से अधिक के मेगा मॉल विकसित करेगी, जिसमें 2026-27 तक 13 मिलियन वर्ग फीट रिटेल स्पेस विकसित करने की योजना है। इनमें से कुछ मॉल्स में होटल्स के रूप में आतिथ्य खंड होगा। जल्द ही मुंबई और गोवा में दो नए मॉल लांच किए जाएंगे और उसके बाद दिल्ली-एनसीआर में एक मॉल लांच किया जाएगा।
मुंबई के डेवलपर ओबेरॉय रियल्टी भी दिल्ली-एनसीआर में विस्तार कर रहा है और यह अपनी शुरूआत गुड़गांव के उच्च क्षमता वाले आवासीय बाजार से करेगा। कंपनी ने अगले साल लांच होने वाले लग्जरी रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट के लिए गुड़गांव में 15 एकड़ जमीन खरीदी है।
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