जैसे-जैसे ब्रांड नए प्रारूपों के साथ अप्रयुक्त माईक्रो (सूक्ष्म) बाजारों में विस्तार कर रहे हैं, रिटेल (खुदरा) लीजिंग (पट्टे) में सकारात्मक गति देखी जा रही है और साथ ही तिमाही-दर-तिमाही आधार पर इसकी वृद्धि दोगुनी हो रही है।.
जेएलएल की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही (क्यू2) के दौरान, शीर्ष सात शहरों में संगठित खुदरा केंद्रों और प्रमुख हाई स्ट्रीट्स में खुदरा विक्रेताओं द्वारा पट्टे पर देने की गतिविधि में वृद्धि देखी गई। जबकि कुछ विवेकाधीन खुदरा श्रेणियों को हाल की तिमाहियों में खपत की वृद्धि के स्तर पर मंदी का सामना करना पड़ा है, रिटेल विक्रेताओं ने अलाभकारी स्टोरो को बंद करके और रणनीतिक रूप से विस्तार करके इसका जवाब दिया है।
शीर्ष 7 शहरों में ग्रेड ए और ग्रेड बी खुदरा केंद्रों में लीजिंग गतिविधि बढ़कर 2.2 मिलियन वर्ग फिट हो गई, जो पिछली तिमाही (क्यू1 2024) की तुलना में 100 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है। यह सकारात्मक गति एक मजबूत एच1 2024 में तब्दील हो गई, जिसके परिणामस्वरूप 3.3 मिलियन वर्ग फिट का प्रभावशाली संचयी लीजिंग लेनदेन हुआ।
खुदरा विक्रेताओं को भी लीजिंग गतिविधि में उछाल का श्रेय दिया जा सकता है, जिन्होंने पिछले साल स्थापित डेवलपर्स और संस्थागत मालिकों द्वारा शुरू की गई नई पूरी हुई ग्रेड ए परियोजनाओं में सक्रिय रूप से लीज हासिल की। इसके अलावा, खुदरा विक्रेताओं ने संगठित हाई स्ट्रीट और नए विकसित हो रहे कैचमेंट्स में भी विस्तार किया।
सकल लीजिंग एच1 2024: स्नैपशॉट
क्यू1 2024 | क्यू2 2024 | एच1 2024 | |||
1.1 मिलियन वर्ग फिट | 2.2 मिलियन वर्ग फिट | 3.3 मिलियन वर्ग फिट |
स्रोत: आरईआईएस, जेएलएल रिसर्च एवं रिटेल
जेएलएल में भारत के मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान एवं आरईआईएस प्रमुख डॉ. सामंतक दास ने कहा, “वर्ष 2024 की पहली छमाही में घरेलू ब्रांडों ने खुदरा बाजार में बढ़त हासिल की, जो प्रभावशाली स्तर पर सकल पट्टे का 80 प्रतिशत था। अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडों में, यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका (ईएमईए) आधारित खुदरा विक्रेताओं ने सकल पट्टे पर अपना दबदबा कायम रखा, जिनकी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक थी, वहीं अमेरिका में 27 प्रतिशत और एशिया प्रशांत में 21 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। इसके अतिरिक्त, खुदरा गंतव्य के रूप में भारत की अपील नौ अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों के पहले स्टोर खोलने से मजबूत हुई, जो मुख्य रूप से दिल्ली एनसीआर और मुंबई में विस्तार पर केंद्रित थे।”
वैल्यू और सुपर वैल्यू सेगमेंट में अग्रणी फैशन और परिधान (अपैरल) श्रृंखलाओं के विस्तार के साथ-साथ नए प्रारूपों और ब्रांडों की शुरूआत ने फैशन और परिधान सेगमेंट को 2024 की पहली छमाही (जनवरी-जून) में लीजिंग गतिविधि में सबसे अधिक हिस्सेदारी (38 प्रतिशत) हासिल करने में योगदान दिया है। इस सेगमेंट के भीतर, मिड सेगमेंट में लीजिंग गतिविधि का सबसे अधिक हिस्सा (56 प्रतिशत) है, इसके बाद 28 प्रतिशत की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी के साथ अफोर्डेबल (किफायती) सेगमेंट का स्थान है।
उल्लेखनीय रूप से, एफ एंड बी और मनोरंजन (एंटरटेनमेंट) खंड एक साथ 2024 की पहली छमाही में लीजिंग वॉल्यूम का लगभग 30 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं और यह खुदरा गंतव्यों में इन श्रेणियों के बढ़ते महत्व को दर्शाता है। ये श्रेणियां शॉपिंग मॉल को जीवंत और ऐसे आकर्षक स्थानों में बदल रही हैं जो महज खरीदारी के अनुभव से कहीं आगे हैं। यह देखा गया है कि डेवलपर्स ने अपने स्पेस का एक बड़ा हिस्सा एफ एंड बी और मनोरंजन के लिए समर्पित करना शुरू कर दिया है। इसका लक्ष्य एक आकर्षक और इमर्सिव वातावरण बनाना है जो खुदरा क्षेत्र के विकास में जगह बनाने को प्रोत्साहित करता है ।
स्रोत: आरईआईएस, जेएलएल रिसर्च और रिटेल
नोट: मनोरंजन में मल्टीप्लेक्स और पारिवारिक मनोरंजन केंद्र (एफईसी) शामिल हैं; अन्य में बैंक, ऑटोमोबाइल शोरूम, लाइफस्टाइल स्टोर आदि शामिल हैं।
जेएलएल के ऑफिस लीजिंग एंड रिटेल सर्विसेज, भारत के प्रमुख और सीनियर मैनेजिंग डायरेक्टर (कर्नाटक, केरल) राहुल अरोड़ा ने कहा, “बेंगलुरु, दिल्ली एनसीआर और मुंबई सकल लीजिंग के मामले में अग्रणी शहरों के रूप में सामने आए, जिनकी संयुक्त हिस्सेदारी एच1 2024 में 62 प्रतिशत थी। बेंगलुरु इन शहरों में सबसे आगे रहा जिसने मुंबई और दिल्ली एनसीआर में लीजिंग गतिविधि का लगभग दोगुना रिकॉर्ड किया। उल्लेखनीय 1 मिलियन वर्ग फिट लेनदेन के साथ, शहर ने प्रमुख खुदरा केंद्रों और प्रमुख हाई स्ट्रीट्स में महत्वपूर्ण लीजिंग गतिविधि दिखाई। इसके अलावा, यह देखना दिलचस्प है कि बेंगलुरु और मुंबई में फैशन और परिधान सेगमेंट में सकल लीजिंग का सबसे बड़ा अनुपात था, जबकि दिल्ली एनसीआर एफ एंड बी सेगमेंट में सबसे आगे रहा।”
सकारात्मक जनसांख्यिकी, स्थिर अर्थव्यवस्था और अगले पांच वर्षों में उच्च गुणवत्ता वाले अनुमानित खुदरा विकास के पूरा होने की संभावना को देखते हुए, यह कहा जा सकता है खुदरा क्षेत्र के लिए दृष्टिकोण उज्ज्वल है। यह संभावना है कि अपने स्टोर नेटवर्क का विस्तार करने के इच्छुक वैश्विक ब्रांडों के लिए भारत एक प्रमुख बाजार बना रहेगा। जैसे-जैसे भारत में खुदरा बाजार विकसित होता जा रहा है, नई अवधारणाओं और रुझानों और अधिक गंतव्य-उन्मुख शॉपिंग मॉल का विकास, जो सामाजिक बैठक स्थानों और मनोरंजन केंद्रों के रूप में कार्य करते हैं, के बढ़ने का अनुमान है।
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