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टियर 2-3 शहरों में आवासीय रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए भूमि की बढ़ रही है मांग

Torbit - December 09, 2023 - - 0 |

टियर 2-3 शहरों में आवासीय परियोजनाओं जिनमें ज्यादातर प्लॉट्स पर बनी हुई आवासीय इकाइयां हैं, के विकास के लिए भूमि अधिग्रहण की होड़ देखी जा रही है ।

जनवरी 2022 से अक्टूबर 2023 तक 22 महीनों की अवधि में देश भर में रियल एस्टेट डेवलपरों द्वारा लगभग 3,294 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया।इन भूमि सौदों का एक बड़ा हिस्सा (44.4%) टियर 2 और 3 शहरों में किया गया है।इनमें 17 अलग-अलग सौदों में कुल 1,461 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया। विशेषकर उत्तरी और पश्चिमी भारत में यह प्रवृत्ति जोर पकड़ रही है जहां कुल 1,461 एकड़ अधिग्रहीत भूमि में से पानीपत, लुधियाना, नागपुर और पंचकुला की सामूहिक रूप से लगभग 75% हिस्सेदारी है।

स्थापित रियल एस्टेट डेवलपर्स अब परियोजनाएं शुरू करने के लिए देश के टियर 2 और 3 शहरों में प्रवेश करके नए बाजारों को लक्षित कर रहे है। रिसर्च से प्राप्त हुए विवरणों से यह संकेत मिलता है कि ग्राहकों की बढ़ती मांग और खरीदने की क्षमता से प्रेरित होकर, ब्रांडेड डेवलपर्स  इन शहरों में भूमि लेनदेन के कई सौदे सफलतापूर्वक पूर्ण कर चुके हैं। उत्तर में, डेवलपर्स पानीपत, सोनीपत, कुरूक्षेत्र, पंचकुला, लखनऊ, जयपुर और लुधियाना जैसे शहरों में सौदे कर रहे हैं और वहीं पश्चिम में, नागपुर, खालापुर, सूरत और पालघर जैसे शहरों ने राष्ट्रीय स्तर के डेवलपर्स को अपनी और आकर्षित किया है।

टियर 2 और 3 शहर:  पिछले 22 महीने की अवधि में अधिग्रहण की गई भूमि का शहरवार हिस्सा (1461 एकड़): 

टियर 2 और 3 शहर:  पिछले 22 महीने की अवधि में अधिग्रहण की गई भूमि का शहरवार हिस्सा (1461 एकड़): 

यहां यह ध्यान देने योग्य है कि अधिग्रहित भूमि का 91.6% (1,339 एकड़) प्रस्तावित आवासीय विकास के लिए है, जिसमें से अधिकांश आवासीय विकास एवं इकाईयां प्लॉट्स आधारित है। डेवलपर्स मुख्य रूप से कम ऊंचाई वाली और प्लॉट्स पर विकसित की गई परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि स्थानीय लोग इन शहरों में इसी प्रकार के प्रारूप वाले आवासों में रहने के आदी हैं। वास्तव में, लगभग 1,015 एकड़ जमीन प्लॉट विकास के लिए निर्धारित की गई है, जिसका मूल्य 3,163 करोड़ रुपये से अधिक है।

साथ ही खरीदार भी टियर 2 और 3 शहरों में गुणवत्तापूर्ण घर खरीदना चाह रहे हैं। इन शहरों में प्रवेश करने वाले स्थापित रियल एस्टेट खिलाड़ियों ने घर खरीदारों के विश्वास को बढ़ाया है, क्योंकि इन डेवलपर्स के पास संस्थागत पूंजी तक पहुंच के साथ-साथ एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड और मजबूत परियोजना निष्पादन क्षमताएं हैं। ये नई परियोजनाए  सफल साबित हुई हैं और खरीदारों द्वारा इन्हें बहुत पसंद किया गया है। इसे इन शहरों में डेवलपर्स को मिली हालिया सफलता से देखा जा सकता है। बाजार के विभिन्न स्रोतों के अनुसार, डीएलएफ का पानीपत में पहला प्रोजेक्ट लांच होने के सिर्फ एक घंटे के भीतर ही बिक गया और वहीं गोदरेज प्रॉपर्टीज़ भी सोनीपत में अपनी विकसित किए गए प्लॉट की परियोजना के चरण 1 को बेचने में सफल रही थी। दक्षिण भारत में, अंबूर, महाबलीपुरम, कोयंबटूर, त्रिची और मैसूरु जैसे शहरों में प्लॉट्स आधारित आवासीय परियोजनाएं शुरू की गईं थी।

उभरते शहरों में आवासीय बिक्री के अभूतपूर्व स्तर से प्रोत्साहित होकर, डेवलपर्स भविष्य के लिए प्रासंगिक परियोजनाओं की आपूर्ति पाइपलाइन बनाने के लिए भी भूमि का अधिग्रहण कर रहे हैं। गोदरेज प्रॉपर्टीज, एम3एम, एल्डेको ग्रुप और ओमेक्स ग्रुप जैसे प्रमुख डेवलपर्स ने हाल ही में भूमि अधिग्रहण के साथ इन उभरते बाजारों में प्रवेश करते हुए अपना विस्तार किया है। कुछ डेवलपर्स होलिडे होम्स लांच करने की भी योजना बना रहे हैं क्योंकि महानगरों में लोग शिमला, ऋषिकेश, गोवा, आदि जैसे अवकाश के गंतव्यों में अपना दूसरा घर लेना चाह रहे हैं।

सामंतक दास, चीफ इकोनोमिस्ट एवं हेड ऑफ रिसर्चआरईआईएसभारतजेएलएल का कहना है कि नए बाजारों में प्रवेश करने और गुणवत्तापूर्ण परियोजनाओं की बढ़ती मांग का लाभ उठाने के लिए टियर 2 और 3 शहरों में रियल एस्टेट डेवलपर्स द्वारा रणनीतिक तौर पर भूमि अधिग्रहण की जा रही है। रणनीतिक स्थानों और विकास के गलियारों में नए भूमि अधिग्रहण के माध्यम से नई आवासीय परियोजनाओं के लांच का बजार और भी मजबूत होने की उम्मीद है। इसे ध्यान में रखते हुए यह निष्कर्ष निकालता है कि, आवासीय बाजार में तेजी बनी रहने के साथ ही इसे खरीदारों से अच्छी प्रतिक्रिया के साथ विकास और विस्तार की अगली लहर हासिल करने की उम्मीद है।

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