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रियल एस्टेट निवेश में ज्योतिष विज्ञान की भूमिका

Torbit - September 19, 2023 - - 0 |

रियल एस्टेट निवेश में ज्योतिष विज्ञान एक सही प्लानर के तौर पर कार्य करता है और यह आपको ऐसी प्रॉपर्टी चुनने में मदद करता है जो आपके लिए हर लिहाज़ से फायदेमंद हो।

एस्ट्रॉलॉजी या ज्योतिष विज्ञान जीवन के हर क्षेत्र से जुड़ा हुआ है और खासकर रियल एस्टेट या दूसरे शब्दों में भूमि-भवन की खरीदारी से इसका सीधा संबंध होता है। जब हम कोई नया घर या कोई कामर्शियल, ऑफिस या रिटेल प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बना रहे होते हैं तो सही प्रॉपर्टी का चुनाव करने और उसे खरीदने के शुभ समय को निर्धारित करने में ज्योतिष विज्ञान हमारी मदद करता है।

देखा गया है कि रियल एस्टेट में अधिक लाभ कमाने के लालच में लोग गलत संपत्ति में फंस जाते हैं। कई बार लोग घर तो खरीद लेते हैं, लेकिन एस्ट्रॉलॉजी के अनुसार सही नहीं होने के कारण वह उनके लिए नुक्सानदायक साबित होता है। इतना ही नहीं एस्ट्रॉलॉजी के माध्यम से हम खरीदार के व्यक्तिगत योग और मिलान को जान सकते हैं, ताकि वह वही आवास, दुकान, या कार्यालय खरीदे जिसका उसके लिए सही समन्वय हो। इस लेख में हम चर्चा कर रहे हैं ज्योतिष विज्ञान का प्रॉपर्टी खरीदने से क्या संबंध है। आईए एक-एक करके जानते हैं।

ज्योतिषीय सलाह सही प्रॉपर्टी खरीदने में कैसे करती है सहायता?

ज्योतिष और प्रॉपर्टी के बीच का संबंध सिर्फ संपत्ति संबंधित लेन-देन की सामयिकता से बढ़ता है। ज्योतिषी ग्रहों के दशाओं के व्यक्ति पर पड़ने वाले प्रभाव पर गहरा अनुसंधान करते हैं। प्रत्येक ग्रह की दशा उनकी सकारात्मक ऊर्जाएं लेकर आती है, जो एक व्यक्ति की प्रॉपर्टी की प्राप्ति, उसका प्रबंधन और उसके फायदे कराने की क्षमता पर गहरा प्रभाव डालती है।
उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में बुध की अनुकूल दशा प्रॉपर्टी खरीदने के लिए सही वक्त साबित हो सकता है। वहीं अगर शनि की दशा चल रही हो तो संपत्ति के लेन-देन में बाधाएँ और विलम्ब हो सकता है और ऐसी स्थिति आ सकती है, जिसमें सब्र और संघर्ष की आवश्यकता होती है।

जन्मदिन के अनुकूल प्रॉपर्टी का चुनाव

व्यक्ति को अपने जन्म की तिथि और समय के अनुसार ही विशेष योगों में प्रॉपर्टी खरीदनी चाहिए। इसके लिए ज्योतिषी जन्मकुंडली का सूक्ष्म विश्लेषण करके उन विशेष योगों की पहचान कर सकते हैं जिनमें प्रॉपर्टी खरीदना शुभ होता है। इसमें “धन योग” जैसा एक योग भी शामिल है, जिसे धन और संपत्ति का प्रतीक कहा जाता है। जीवन में धन योग के समय प्रॉपर्टी खरीदने पर लाभ की प्राप्ति होती है। इस योग को पहचानने में भी एस्ट्रोलॉजी प्रॉपर्टी खरीदार की सहायता कर सकती है।

प्रॉपर्टी मालिकों के लिए ज्योतिषीय उपाय

अगर कोई प्रॉपर्टी बिना ज्योतिषीय परामर्श के खरीदी जा चुकी है तो ऐसे में एक अच्छा एस्ट्रॉलॉजर ज्योतिष विज्ञान की सहायता से उस प्रॉपर्टी के सभी दोषों का निवारण करने के उपाय प्रदान कर सकता है। इतना ही नहीं वह आपकी प्रॉपर्टी में निगेटिव एनर्जी को संतुलित करने के लिए की जाने वाली किसी विशेष पूजा या कोई अन्य उपाय करने की सलाह भी दे सकता है।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कब करें प्रॉपर्टी में निवेश?

ज्योतिष विज्ञान रियल एस्टेट के निवेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसकी सहायता से रियल एस्टेट मार्केट पर ग्रहों के प्रभाव को ध्यान में रखकर, निवेश के बारे में उचित निर्णय लिया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर ग्रहों की खास दशा किसी विशेष रियल एस्टेट मार्केट में प्रॉपर्टी के मूल्यों में वृद्धि की एक संभावित अवधि की सूचना दे सकती है। यह निवेशकों के लिए एक तरफ तो उचित अवसर की तलाश में मददगार साबित हो सकता है और वहीं उन्हें चुनौतीपूर्ण समय में निवेश ना करने के प्रति सावधान भी कर सकता है।

वास्तु दिशा-निर्देशों का पालन आवश्यक

सही दिशाओं में स्थित वास्तु शास्त्र के अनुसार डिजाईन किए गए कमरों में रहने वाले लोगों के जीवन में उन्नति होती है। उदाहरण के लिए, उत्तर-पूर्व दिशा बृहस्पति से जुड़ी हुई है जो ज्ञान का प्रतीक है इसलिए इस दिशा में स्थित स्टडी रूम घर के लोगों में शिक्षा और ज्ञान को बढ़ाता है। इसी प्रकार वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण, ब्रह्म स्थान और सीढ़ी के नीचे भूलकर भी शौचालय नहीं होना चाहिए।

इन सबके अलावा प्रॉपर्टी लेन-देन के समय का निर्धारण भी बेहद महत्वपूर्ण है और इसमें भी ज्योतिष विज्ञान हमें सहायता प्रदान करता है। संक्षेप में कहें तो हमें प्रॉपर्टी के खरीद-फरोख्त में ज्योतीषिय विश्लेषणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आप एक नई प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं या आपकी रियल एस्टेट में रणनीतिक निवेश की योजना है तो ज्योतिष विज्ञान आपको अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है।

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