रिटेल रियल्टी के लिए मजबूत विकास का आउटलुक
अर्थव्यवस्था में आई तेजी और विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा 2024 के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ निरंतर निवेश ने रिटेल रियल एस्टेट- शॉपिंग मॉल और हाई स्ट्रीट रिटेल के पदचिह्नों के विस्तार में योगदान दिया है।
भौतिक रिटेल बाजार में भारत के शीर्ष 7 शहरों में 2024 और 2028 के बीच परिचालन के लिए निर्धारित 41 मिलियन वर्ग फुट रिटेल विकास की मजबूत आपूर्ति है। इस आपूर्ति में वे परियोजनाएँ शामिल हैं जो या तो निर्माणाधीन हैं या योजना के सक्रिय चरण में हैं। दिल्ली-एनसीआर में बहुमत हिस्सेदारी (34 प्रतिशत) होने का अनुमान है, इसके बाद चेन्नई (20 प्रतिशत), बेंगलुरु और हैदराबाद में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
बड़े विदेशी संस्थागत निवेशकों ने ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड विकास प्लेटफार्मों के माध्यम से रिटेल परिसंपत्तियों का अधिग्रहण/निवेश जारी रखा हैं। इन निवेशकों के पास वर्तमान में नई आपूर्ति का लगभग 24 प्रतिशत (9.7 मिलियन वर्ग फिट) है जो अगले पांच वर्षों में वितरित किया जाएगा।
स्थिर आर्थिक स्थितियों ने उपभोग आधारित विकास को बढ़ावा दिया है जिससे रिटेल विक्रेताओं द्वारा पदचिह्न विस्तार और नए मॉल की घोषणाओं को सक्षम बनाया गया है। मजबूत आपूर्ति पाइपलाइन के अलावा, मॉल डेवलपर्स बेहतर खरीदारी अनुभव प्रदान करने के लिए बड़े आकार के मॉल बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
डॉ. सामंतक दास, चीफ इकोनोमिस्ट और हेड रिसर्च एंड आरईआईएस, इंडिया जेएलएल के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती उछाल से प्रोत्साहित होकर, प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर्स ने देश में रिटेल विकास शुरू करने के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। आगामी आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा संस्थागत कंपनियों द्वारा है। रिटेल विकास का परिचालन स्टॉक, जो 91 मिलियन वर्ग फिट है, वर्ष 2028 के अंत तक 45 प्रतिशत बढकर 132 मिलियन वर्ग फिट तक पहुंचने की उम्मीद है। वर्ष 2023 में भारत के पहले रिटेल नेतृत्व वाले आरईआईटी के लांच के साथ, रिटेल पोर्टफोलियो को और अधिक विस्तारित करने के लिए और भी अधिक अधिग्रहण हो सकते है। चूंकि अधिकांश वैश्विक संस्थागत फंडों ने प्रमुख डेवलपर्स के साथ रिटेल विकास मंच बनाए हैं, रिटेल क्षेत्र तेजी से विकास के पथ पर पहुंचने के लिए तैयार है।
राहुल अरोड़ा, हेड, ऑफिस लीजिंग एडवाइजरी एंड रिटेल सर्विसेज, इंडिया, जेएलएल कहते हैं, “6.2 मिलियन वर्ग फिट के सकल लीजिंग योग्य क्षेत्र के साथ कुल 16 रिटेल विकास वर्ष 2023 में चालू हो गए, जो कि साल-दर-साल 125 प्रतिशत वृद्धि से अधिक है। विशेष रूप से, वर्ष 2023 में चालू होने वाली नई आपूर्ति के 44 प्रतिशत (2.7 मिलियन वर्ग फुट) में संस्थागत निवेश की उपस्थिति थी। वर्ष 2023 में पूरे हुए मॉल विकास का औसत आकार वर्ष 2022 के 276,800 वर्ग फिट से 41 प्रतिशत बढ़कर 389,900 वर्ग फिट हो गया है। खरीदारों को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए डेवलपर्स बड़े मॉल लेकर आ रहे हैं, चाहे वह मनोरंजन हो, एफ एंड बी या फैशन हो।”
वर्ष 2023 में, शीर्ष 7 शहरों में मॉल और प्रमुख हाई स्ट्रीट्स पर 8.7 मिलियन वर्ग फिट की सकल लीजिंग दर्ज की गई। बेंगलुरु 33% की हिस्सेदारी के साथ सकल लीजिंग में सबसे आगे है, उसके बाद 18% की हिस्सेदारी के साथ दिल्ली एनसीआर और 17% की हिस्सेदारी के साथ मुंबई है। रिटेल विक्रेताओं द्वारा अपने स्टोर नेटवर्क और बिक्री को बढ़ाने के लिए उपभोक्ता विश्वास को विस्तार में तब्दील किया जा रहा है।
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कुल लीजिंग वॉल्यूम में फैशन और परिधान की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 40 प्रतिशत थी। प्रमुख रिटेल विक्रेताओं की ओर से सुपर वैल्यू और वैल्यू फैशन सेगमेंट में काफी आकर्षण देखा गया है क्योंकि वे अपने नए प्रारूप लॉन्च कर रहे हैं और इस सेगमेंट में विस्तार कर रहे हैं। अन्य श्रेणियाँ जिन्होंने प्रमुख रूप से योगदान दिया वे थीं एफ एंड बी (16 प्रतिशत), मनोरंजन (13 प्रतिशत), घर और फर्निशिंग (6 प्रतिशत) और दैनिक आवश्यकताएं एवं किराना (5 प्रतिशत
स्रोत: आरईआईएस, जेएलएल रिसर्च
नोट : सकल लीजिंग में अवधि के दौरान दर्ज किए गए सभी लीज लेनदेन को संदर्भित किया जाता है, जिसमें पुष्टि की गई पूर्व-प्रतिबद्धताएं भी शामिल हैं।
वर्ष 2023 में कुल 14 नए अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडों ने भारत में प्रवेश किया, जो 2022 और 2021 में प्रवेश करने वाले क्रमशः 11 और 8 ब्रांडों से अधिक है। इस साल नए प्रवेशकों में से अधिकांश (8 ब्रांड) ने मुंबई में अपना पहला स्टोर खोला और उसके बाद दिल्ली एनसीआर में एफ एंड बी सेगमेंट शीर्ष स्थान पर रहा।
नोट : कुछ गैर-निष्पादित और खराब प्रबंधित मॉल को स्टॉक से हटा दिया गया है जो या तो बंद हो गए हैं, सुधार के दौर से गुजर रहे हैं, या अन्य उद्देश्यों के लिए परिवर्तित किए जा रहे हैं।
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