आवासीय किराये के वृद्धि में एनसीआर अग्रणी
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र पूरे भारत में आवासीय किराये में वृद्धि में अग्रणी बनकर उभरा है और इसमें गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा दोनों प्रमुख चालक हैं।
मैजिकब्रिक्स द्वारा कैलेंडर वर्ष 2023 की आखिरी तिमाही के लिए हालिया किराये की रिपोर्ट के अनुसार, 13 प्रमुख भारतीय शहरों में किराए में 17.4 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई, जिसमें एनसीआर अग्रणी रहा है। किराये में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज करने वाले शीर्ष 3 गंतव्यों के रूप में गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा और बेंगलुरु उभरे हैं। गुरुग्राम में सालाना आधार पर 31.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और इसके बाद ग्रेटर नोएडा में 30.4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि देखी गई, जबकि बेंगलुरू 23.1 प्रतिशत सालाना किराये की वृद्धि के साथ तीसरे स्थान पर रहा। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि जुलाई और सितंबर 2023 के बीच 4.6 प्रतिशत क्यूओक्यू की वृद्धि के बाद किराए में 1.6% क्यूओक्यू की वृद्धि हुई।
मैजिकब्रिक्स प्लेटफॉर्म पर 2 करोड़ से अधिक ग्राहकों की पसंद के आधार पर, रिपोर्ट में आगे देखा गया कि किराये की मांग में सालाना आधार पर 1.6 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई। ग्रेटर नोएडा में 6.9 प्रतिशत सालाना वृद्धि के साथ, अहमदाबाद में 6.6 प्रतिशत सालाना वृद्धि के साथ और चेन्नई में 4.1 प्रतिशत सालाना वृद्धि के साथ किराये की मांग में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई। वहीं बाहरी कारकों के कारण नोएडा (19.6 प्रतिशत सालाना), हैदराबाद (3.2 प्रतिशत सालाना) और ग्रेटर नोएडा (2.7 प्रतिशत सालाना) में किराये की आपूर्ति में 16.9 प्रतिशत की काफी कमी आई है।
किराये की गतिशीलता को समझाते हुए, मैजिकब्रिक्स के अनुसंधान प्रमुख, अभिषेक भद्र ने विस्तार से बताया, “2023 में, आर्थिक विस्तार, नौकरी बाजार में वृद्धि, बढ़ती डिस्पोजेबल आय और टियर 1 शहरों में प्रवासन के कारण किराये की मांग में काफी वृद्धि हुई। साथ ही, किराये की आपूर्ति कम हो गई , संभवतः ब्याज दर किराये से होने वाली आमदनी से ज्यादा हो गई है जो निवेशकों और प्रॉपर्टी के मालिकों किराये के आवास बाजार में शामिल होने से रोक रहे हैं।
अक्टूबर और दिसंबर 2023 के बीच किराये की मांग में चक्रीय गिरावट आई थी। हालाँकि, अल्प से मध्यम अवधि में पिछले स्तरों पर वापसी की उम्मीद है, जो किराये के बाजार की गतिशीलता को रेखांकित करता है।
रुझानों की बात करें तो, मिलेनियल्स, घर के किराये में बढ़ोतरी के प्रमुख चालक साबित हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 18-34 वर्ष की आयु वर्ग के मिलेनियल्स की किराये की मांग में 67 प्रतिशत हिस्सेदारी है। घरेलू विन्यास से संबंधित रुझानों को ध्यान में रखते हुए, 2 बीएचके इकाइयों की किराये के बाजार में सबसे ज्यादा मांग रही जो इन शहरों में किराये की मांग का 41 प्रतिशत हिस्सा था।
इस रिपोर्ट में मांग और आपूर्ति के रुझान पर भी चर्चा की गई। रिपोर्ट से यह पता चलता है कि प्रमुख मांग और आपूर्ति, बजट किराये के आवासों में रही। लगभग सत्तर प्रतिशत मांग और लगभग 67 प्रतिशत आपूर्ति 10000 रुपये से 30000 रुपये प्रति माह की सीमा में है, जो इसे किराये के बाजार में सबसे पसंदीदा रेंज बनाती है।
ब्रांडेड किराये के विला के शीर्ष 10 रुझान
किराये के विला की अवधारणा जिसमें अवकाश गृह, लंबे-पट्टे पर लिए गए विला, मोटल, उद्यान वाले बंगले, समुद्र तट पर स्थित घर, पुरानी हवेली आदि शामिल हैं, भारत में फल-फूल रही है। देश के विविध परिदृश्य जिसमें सुंदर समुद्री तट, सुरम्य घाटियाँ, हरी-भरी पहाड़ियाँ, प्रकृति भंडार, शांत रेगिस्तान आदि शामिल हैं, जो इसे ब्रांडेड किराये के घरों में रहने वाले समुदायों के प्रसार के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। 360 रियलटर्स ने ब्रांडेड किराये के विला में 10 शीर्ष रुझानों की सूची बनाई है।
1.शहरी परिधियों में जो शांत वातावरण से समृद्ध क्षेत्र और जो शहरी केंद्रों से पहुंच योग्य/कम दूरी की यात्रा के भीतर हैंवे किराये के विला और अवकाश गृहों के नए केंद्र बन रहे हैं।
2.पारंपरिक होटल कंपनियां इसकी दीर्घकालिक क्षमता से आकर्षित होकर इस क्षेत्र में कदम रख रही हैं। ताज होटल्स की मूल कंपनी आईएचसीएलने होमस्टे और प्लांटेशन ट्रेल्स में विशेषज्ञता वाला एक नया ब्रांड अमा ट्रेल्स एंड स्टेज़ लॉन्च किया है।
3.प्रीमियम होमस्टे उच्च यील्ड क्षमता वाले एक विशिष्ट खंड के रूप में उभर रहे हैं। हालाँकि इस खंड में निवेश अधिक है, फिर भी यह एक पूर्ण होटल या रिसॉर्ट की तुलना से कम है।
4.नए डेवलपर्स, मुख्य आतिथ्य ब्रांडों, ऑपरेटरों, ऑनलाइन एग्रीगेटर्स, तकनीक-सक्षम निवेश प्लेटफार्मों आदि के प्रवेश के साथ, जो खंड लंबे समय तक असंगठित था, वह अब संगठित हो रहा है।
5.वैकल्पिक प्रवास की मांग अब केवल महानगरों तक ही सीमित नहीं है। अहमदाबाद, इंदौर, सूरत, हैदराबाद, चंडीगढ़ आदि जैसे अन्य शहरों से भी बड़ी मांग दर्ज की जाती है।
6.एकल-स्वामित्व वाली प्रॉपर्टीज और साथ हीभिन्नात्मक और टाइमशेयर जैसी अवधारणाएं भी बढ़ रही हैं।
7.एचएनआई, कॉर्पोरेट दिग्गज, टेक्नोप्रेन्योर्स और समृद्ध सोलोप्रेन्योर्स की बढ़ती संख्या न केवल व्यक्तिगत उपयोग के लिए बल्कि आवर्ती आय के लिए पट्टे पर देने के लिए दूसरे घर(सेकेंड होम) की प्रॉपर्टीज में भी भारी निवेश कर रही है।
8. प्रॉपर्टीके मालिक और प्रबंधन कंपनियां अपनी पेशकशों को बढ़ाने के अलावा वैयक्तिकृत सेवाएं प्रदान करने के लिए एनालिटिक्स, डेटा साइंस और आईओटीका उपयोग कर सकते हैं।
9.प्रौद्योगिकी निर्बाध संचार के माध्यम से प्रॉपर्टी के मालिकों, प्रबंधन कंपनियों और किरायेदारों को करीब ला रही है।
10.शहर के निकट होमस्टेज सामाजिक समारोहों और पारिवारिक उत्सवों के लिए उपयोगी हैं। वे ऑफबीट और दूरदराज के गंतव्यों के लिए भी एक सुविधाजनक विकल्प हैं।
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