टॉरबिट टॉक
सुषमा ग्रुप ने न केवल ट्राइसिटी–चंडीगढ़, मोहाली और पंचकुला, बल्कि पूरे उत्तर भारत में अग्रणी रियल एस्टेट ब्रांड के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है। अपनी स्थापना के पिछले लगभग डेढ़ दशक में इस रियल एस्टेट ग्रुप ने एक दर्जन से भी अधिक रेजिडेंशियल एवं कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स डिलीवर किए हैं। सुषमा ग्रुप के एग्ज्क्युटिव डायरेक्टर प्रतीक मित्तल ने कोविड के बाद ट्राइसिटी में रियल एस्टेट के विकास और रेजिडेंशियल एवं कॉमर्शियल रियल एस्टेट में उभरते रुझानों के बारे में चर्चा की।
विनोद बहल
पिछले कुछ वर्षों में ट्राइसिटी के रियल एस्टेट मार्केट ने कैसा प्रदर्शन किया है? खासककर कोविड के बाद क्या आप यह मानते हैं कि, ट्राइसिटी के रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल दोनों ही रियल एस्टेट सेगमेंट में अच्छी रिकवरी देखी जा रही है?
पिछले कुछ वर्षों में ट्राइसिटी के रियल एस्टेट मार्केट ने अपनी एक खास पहचान बनाई है। इसकी प्रसिद्धि इतनी बढ़ी है कि उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों से लोग घर खरीदने और निवेश करने के लिए इस प्रोपर्टी मार्केट में सक्रिय हैं। विशेष रूप से कोविड के बाद की रिकवरी की बात करें तो यह सफलतापूर्वक विकास के पथ पर लौट आया है। यहां लगातार कई नए प्रोजेक्ट्स लांच हुए हैं और बिना बिकी इन्वेंट्री में भी निर्णायक कमी दर्ज की गई है। इतना ही नहीं निर्माणाधीन प्रोपर्टीज में खरीदारों की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है और मुझे यकीन है कि यह मांग और भी तेजी से बढ़ेगी।
लग्जरी रियल एस्टेट में अच्छी तेजी देखी जा रही है। अगर हम लग्जरी और एफोर्डेबल हाउसिंग दोनों की ही बात करें तो यहां क्या परिदृश्य है?
महामारी के बाद रियल एस्टेट मार्केट के सबसे उल्लेखनीय पहलुओं में से एक लग्जरी सेगमेंट की वृद्धि रही है और इसके विकास की गति 2023 में भी कायम रहेगी। इतना ही नहीं मेरा यह भी मानना है कि उच्च रेपो दरों के निराशाजनक होने के बावजूद एफोर्डेबल सेगमेंट हमेशा की ही तरह अच्छा प्रदर्शन करेगा। यहां अगर हम पूरे आवासीय परिदृश्य की बता करें तो बिना बिकी इन्वेंट्री नियंत्रण में है। मांग तेज होने की वजह से रेडी-टू-मूव-इन प्रोपर्टीज का आभाव है और निर्माणाधीन प्रोपर्टीज की हिस्सेदारी बाजार में बढ़ रही है।
आज, लोगों को खुद का घर होने का मूल्य समझ में आ चुका है और साथ ही वे बड़े घरों में भी स्थानांतरित होना चाहते हैं। कॉमर्शियल प्रोपर्टीज को हालांकि भारी झटका लगा था, लेकिन अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे खुलने और मजबूत होने से यह स्थिति बदल रही है। साथ ही, बची हुई इन्वेंट्री प्रबंधनीय स्तर पर है। प्रोपर्टी खरीदार निर्माणाधीन प्रोपर्टीज की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। ट्राइसिटी की सुंदर पहाड़ियों से निकटता भी एक प्रमुख आकर्षण है और इस वजह से घर खरीदार यहां विशेष रूप से प्रोपर्टी खरीदना चाहते हैं।
कोविड के बाद से, कॉरपोरेट्स हब और स्पोक मॉडल अपना रहे हैं और मेट्रो उपनगरों और टियर 2 और 3 शहरों में सैटेलाइट कार्यालय स्थापित कर रहे हैं। यह ट्रेंड इस क्षेत्र में रेजिडेंशियल एवं कॉमर्शियल रियल एस्टेट के विकास में किस प्रकार सहायता कर रहा है?
आप सही कह रहे हैं, हब और स्पोक मॉडल लोकप्रियता हासिल कर रहा है और इससे टियर 2 और टियर 3 शहरों को फायदा हुआ है। हालांकि, रिमोट वर्क एवं वर्क-फ्रॉम-होम धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। एक अवधारणा जो महामारी के बाद उभरकर सामने आयी है वह यह है कि अब यहां ऑफिस से काम के साथ-साथ रिमोट वर्क की सहूलियत भी सह-अस्तित्व में रहेगी। ट्राइसिटी में इन नए बदलावों से रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल दोनो ही रियल एस्टेट सेगमेंट्स को काफी हद तक लाभ प्राप्त हुआ है।
सरकार ट्राइसिटी में बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे रही है और बेहतर होता इंफ्रास्ट्रक्चर यहां रियल एस्टेट के विकास में कैसे अपना योगदान दे रहा है?
विशेष रूप से एक रेजिडेंशियल सिटी के तौर पर विख्यात चंडीगढ़ में घरों की मांग हमेशा से रही है। यही वजह है कि इसके आस-पास के क्षेत्र भी पसंदीदा आवास स्थलों के रूप में उभरे हैं। हिमालय से निकटता ने भी ट्राइसिटी की लोकप्रियता में योगदान दिया है। एक औद्योगिक केंद्र के रूप में इस क्षेत्र के उद्भव ने भी यहां रियल एस्टेट के विकास की संभावनाओं को गति दी है। इन सबके अलावा, बुनियादी ढांचे के चल रहे तीव्र विकास की वजह से ट्राइसिटी में रेजिडेशियल एवं कॉमर्शियल रियल एस्टेट की मांग में वृद्धि हुई है और इससे यहां रियल एस्टेट सेक्टर के विकास को बल मिल रहा है।
आपको पूरे भारत और विशेष रूप से ट्राइसिटी में सामान्य तौर पर रेजिडेंशियल रियल्टी का क्या भविष्य दिख रहा है?
कहने की आवश्यकता नहीं है कि रियल एस्टेट में निवेशकों को अब बड़ी संभावनाएं दिख रही हैं। रियल एस्टेट सेक्टर के हालिया इंडस्ट्री रिपोर्ट्स के अनुसार रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल दोनों ही रियल एस्टेट सेगमेंट में प्राईवेट इक्विटी निवेशकों की रुचि लगातार बढ़ रही है। ट्राइसिटी समेत पूरे देश में घरों की भारी मांग है और जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था में सुधार होता जा रहा है कॉमर्शियल सेगमेंट का भविष्य भी उज्जवल होता जा रहा है।
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