रियल एस्टेट सलाहकार वेस्टियन के अनुसार, जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान आवासीय परिसंपत्तियों ने 298.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर का संस्थागत निवेश आकर्षित किया, जो कि एक साल पहले की अवधि से 71 प्रतिशत अधिक है। एक साल पहले की अवधि में आवासीय संपत्तियों में संस्थागत निवेश 174.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
नोट: वाणिज्यिक संपत्तियों में कार्यालय, रिटेल, को-वर्किंग और आतिथ्य परियोजनाएं शामिल हैं।
कुल मिलाकर, भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र को 2023 की तीसरी तिमाही के दौरान 679.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर का संस्थागत निवेश प्राप्त हुआ जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 374.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर संस्थागत निवेश से 82 प्रतिशत अधिक है।
वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में प्राप्त हुए कुल संस्थागत निवेश में घरेलू निवेशकों की हिस्सेदारी 71% थी। वहीं दूसरी ओर 2022 की तीसरी तिमाही में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 55 प्रतिशत से घटकर 27 प्रतिशत हो गई। विदेशी फंड प्रवाह में उल्लेखनीय गिरावट के कारण जुलाई-सितंबर की अवधि में पिछली तिमाही की तुलना में 57 प्रतिशत की कमी आई।
इस रिपोर्ट पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, वेस्टियन के सीईओ श्रीनिवास राव ने कहा, “चुनौतीपूर्ण वैश्विक व्यापक आर्थिक परिदृश्य के बीच विदेशी निवेशकों की सीमित रुचि के कारण सितंबर तिमाही के दौरान संस्थागत निवेश धीमा हो गया है। बड़े समूह अपने कर्मचारियों को कार्यालय में वापस बुला रहे हैं जिससे देश भर में कार्यालय स्थानों की मांग बढ़ सकती है। इसके परिणामस्वरूप, आगामी तिमाहियों में कार्यालय क्षेत्र की इस नवीनीकृत मांग के कारण निवेश में वृद्धि देखी जा सकती है।”
विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में, आवासीय क्षेत्र ने इस कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान सबसे अधिक संस्थागत निवेश आकर्षित किया, हालांकि 2023 की तीसरी तिमाही में हिस्सेदारी एक
साल पहले के 47 प्रतिशत से घटकर 44 प्रतिशत हो गई है। वाणिज्यिक संपत्तियों का हिस्सा (कार्यालय स्थान, को-वर्किंग, रिटेल और होटल) 2023 की तीसरी तिमाही में 40 प्रतिशत से घटकर 2023 की तीसरी तिमाही में 24 प्रतिशत हो गया। जुलाई-सितंबर के दौरान कार्यालय परिसंपत्तियों ने 164.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का संस्थागत निवेश आकर्षित किया, जबकि एक साल पहले अवधि में 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। दूसरी ओर औद्योगिक और वेयरहाउसिंग क्षेत्र की हिस्सेदारी 2022 की तीसरी तिमाही में नगण्य हिस्सेदारी से बढ़कर 2023 की तीसरी तिमाही में 28 प्रतिशत हो गई।
प्रमुख संस्थागत निवेश सौदे (क्यू 3 2023)
स्रोत- वेस्टियन रिसर्च द्वारा संकलित
सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान पर जोर देने और ई-कॉमर्स की बढ़ती लोकप्रियता के परिणामस्वरूप देश भर में औद्योगिक स्थानों और गोदामों की मांग में वृद्धि हुई है। इससे बड़े निवेशकों की रुचि उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है।
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