पिछले 24 महीनों में प्रॉपर्टी की कीमतों में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि और बंधक कीमतों में वृद्धि के बावजूद, बड़ी संख्या में अमीर और उच्च नेटवर्थ वाले भारतीयों में 2024 और 2025 में लग्जरी संपत्ति में निवेश करने की प्रवृत्ति दिख रही है।
इंडिया सोथबीज इंटरनेशनल रियल्टी (आईएसआईआर) द्वारा आयोजित वार्षिक लग्जरी आउटलुक सर्वे 2024 के अनुसार, मजबूत आर्थिक आशावाद की वजह से, 2023-24 के लिए 71 प्रतिशत हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल (एचएनआई) और अल्ट्रा हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (यूएचएनआई) ने बाजार में अपना विश्वास व्यक्त किया है और अगले 1-2 वर्षों में रियल एस्टेट खरीदने का इरादा दिखाया है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा सिर्फ 59 प्रतिशत था।
इनमें से 44 प्रतिशत उत्तरदाताओं द्वारा रियल एस्टेट निवेश के लिए प्राथमिक प्रेरणा के रूप में पूंजी में वृद्धि जीवनशैली की उन्नती की अपेक्षा अधिक महत्वपूर्ण रही। छप्पन प्रतिशत एचएनआई और यूएचएनआई सकारात्मक बंधक और वित्तपोषण दृष्टिकोण के मद्देनजर रियल एस्टेट में निवेश करना चाह रहे हैं। यह सब लंबे समय में मूल्य वृद्धि की अपेक्षा के साथ निवेशकों की बाजार में वापसी का संकेत दे रहा है।
अमित गोयल, मैनेजिंग डायरेक्टर, इंडिया सोथबीज इंटरनेशनल रियल्टी कहते हैं,”गोल्डमैन सैक्स ग्रुप के अनुसार, तीन साल के भीतर संपन्न वर्ग की आबादी लगभग दोगुनी होकर 100 मिलियन होने की उम्मीद है। मजबूत स्टार्ट-अप इको-सिस्टम और यूनिकॉर्न की बढ़ती संख्या ने सुपर-रिच की बढ़ती संख्या में इजाफा किया है। हमारे लग्जरी आउटलुक सर्वेक्षण के निष्कर्ष उन निवेशकों के बीच नए सिरे से और बढ़ी हुई रुचि का संकेत देते हैं जो अब रियल एस्टेट को दीर्घकालिक धन सृजन के लिए एक आकर्षक अवसर के रूप में देखते हैं। हमारा मानना है कि अगले 12-24 महीनों में रियल एस्टेट बाजार के शीर्ष स्तर को सबसे अधिक फायदा होगा।”
अश्विन चड्ढा, सीईओ, इंडिया सोथबीज इंटरनेशनल रियल्टी कहते हैं, ”वर्ष 2023 में शीर्ष सात शहरों में नई लग्जरी परियोजनाओं की लॉन्चिंग में पर्याप्त वृद्धि हुई है। भावनाओं में भी बदलाव आया है जो रियल एस्टेट के स्थायी मूल्य की व्यापक स्वीकार्यता और निरंतर वित्तीय विकास की संभावना के साथ संरेखित है। हमारा मानना है कि, निवेशक रणनीतिक रूप से खुद को धन संचय के लिए तैयार कर रहे हैं और रियल एस्टेट निवेश के माध्यम से बहु-पीढ़ीगत संपत्ति का निर्माण कर रहे हैं।
सर्वेक्षण में यह भी दर्शाया गया है कि 83 प्रतिशत समृद्ध भारतीयों के पास कई लग्जरी संपत्तियां हैं, जो अभिजात वर्ग के बीच विविध रियल एस्टेट पोर्टफोलियो की प्रवृत्ति को दर्शाती है। प्राथमिक निवासों के अलावा, उत्तरदाताओं ने रियल एस्टेट संपत्तियों की एक विविध श्रृंखला का प्रदर्शन किया, जिसमें 34 प्रतिशत के पास वाणिज्यिक अचल संपत्ति, 25 प्रतिशत के पास होलिडे होम्स, 21 प्रतिशत के पास कृषि भूमि, और 20 प्रतिशत के पास फार्महाउस हैं। अन्य उल्लेखनीय निष्कर्षों में, 35 प्रतिशत होलिडे होम्स खरीदने वालों ने गोवा को अपना पसंदीदा गंतव्य बताया, जो भारत के अमीरों के बीच गोवा की जीवनशैली की स्थायी अपील को उजागर करता है। विदेशी संपत्ति में निवेश करने की इच्छा 12 प्रतिशत पर स्थिर रही और इस वर्ग में दुबई यूएई और यूएसए ने शीर्ष विकल्प के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी। यूएचएनआई और एचएनआई उत्तरदाताओं में से 43 प्रतिशत ने बेहतर गुणवत्ता वाली संपत्तियों और किराया अर्जित करने वाली संपत्ति पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने पोर्टफोलियो को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की।
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